Tranding

रात का पारा 25 डिग्री, हवा की गति बढ़ी

शाजापुर | इन दिनों काफी तेज गर्मी पड़ रही है। तापमान 40 डिग्री पार है। सड़कों का डामर पिघल रहा है। मौसम पर्यवेक्षक सत्येंद्र धनोतिया ने पिछले 24 घंटे की तुलना में रात के तापमान और हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी हुई है। 25 अप्रैल तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। गुरुवार को दिन का तापमान 41.3 व रात में 25.0 डिग्री दर्ज हुआ। पश्चिमी हवा 15 किमी प्रति घंटे की औसत गति चली। गर्मी बढ़ते ही सड़क पर इस प्रकार दिखाई दी मृगमरीचिका।

Anurag Kashyap के खिलाफ कथित जातिवादी टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज

नीरजा चौधरी का कॉलम:मुर्शिदाबाद हिंसा से किसको राजनीतिक फायदा मिलेगा?

दिल्ली चुनाव के बाद लगा था कि अब राष्ट्रीय चर्चा में विदेश नीति और आर्थिक मुद्दे हावी हो जाएंगे। क्योंकि अगला चुनाव साल के अंत में बिहार में होना था। लेकिन तमिलनाडु, केरल, असम और सबसे महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल में होने जा रहे चुनावों के लिए भाजपा और क्षेत्रीय पार्टियां पहले ही तैयार होने लगी हैं। भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ गठजोड़ की घोषणा कर दी है, हालांकि अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने इसे चुनावों के लिए किया गया गठबंधन बताया है, सरकार बनाने के लिए नहीं। दूसरी तरफ, द्रमुक सीएम एमके स्टालिन 2026 में जनगणना के बाद होने वाले परिसीमन का खुलकर विरोध कर रहे हैं और तमिल गौरव के मुद्दों को उठा रहा है। और अब, मुर्शिदाबाद का मुद्दा सामने आ गया है, जो पश्चिम बंगाल में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण करने की क्षमता रखता है। मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद में हुई भयानक हिंसा में दो हिंदू पिता-पुत्र की मृत्यु हो गई और उसके बाद पुलिस की गोलीबारी में एक मुस्लिम व्यक्ति मारा गया। इस घटना ने राज्य में हवा के रुख की ओर इशारा किया है, जहां ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश करेंगी। लेकिन राज्य की सत्ता पर भाजपा की नजरें जमी हैं। हिंसा की घटनाओं की शुरुआत मुस्लिम समुदाय द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन से हुई। इसे मुसलमान अपने धर्म का पालन करने के अधिकार में हस्तक्षेप के रूप में देखते हैं। फिलहाल, हिंसा पर काबू पा लिया गया है, उच्च न्यायालय के कहने पर वहां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और राज्य पुलिस ने हिंसा कैसे शुरू हुई, इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। भाजपा ने हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए टीएमसी पर निशाना साधा है और उस पर मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। आने वाले हफ्तों में वह इसी नैरे​टिव को और आगे बढ़ाएगी। वहीं भाजपा पर पलटवार करते हुए ममता बनर्जी ने इसे उसकी विफलता बताया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निगरानी और घुसपैठियों को रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए अमित शाह को दोषी ठहराते हुए ममता ने प्रधानमंत्री से अपने गृह मंत्री को नियंत्रित करने का आह्वान किया। ऐसा करके उन्होंने दोनों शीर्ष नेताओं के बीच अंतर भी स्पष्ट किया। अगाथा क्रिस्टी के उपन्यासों में हत्यारा कौन है, यह जानने के लिए जासूस इस बात का पता लगाता था कि हत्या से किसको सबसे ज्यादा फायदा होगा। बंगाल वाले मामले में भाजपा और टीएमसी दोनों को ही ध्रुवीकरण से फायदा होने की संभावना है। इसने मुर्शिदाबाद के हिंदुओं को भयभीत और क्रोधित कर दिया है और इससे राज्य के बाकी हिंदुओं को भी संदेश जा रहा है। भाजपा इस भावना को भुनाएगी। कई लोगों की नजर इस पर भी होगी कि क्या ममता मुस्लिम दोषियों के साथ सख्त व्यवहार करती हैं? उनके भतीजे अभिषेक के बारे में कहा जाता है कि वे इसके पक्ष में हैं। दूसरी ओर, जो मुसलमान घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं, वे ममता के लिए और लामबंद हो जाएंगे। इससे कांग्रेस और वाम दलों के मैदान से बाहर होने की संभावना है, जिससे 2026 में फिर से भाजपा-टीएमसी के बीच आमने-सामने का मुकाबला हो सकता है। अल्पसंख्यक वोटों में टूट से ममता को ही नुकसान होगा। यकीनन, ममता को हिंदुओं के बीच अपना आधार बनाए रखने की भी जरूरत होगी और वे यह जानती हैं। उन्होंने दोहराया है कि अगले साल अप्रैल में दीघा में एक नए जगन्नाथ धाम का उद्घाटन किया जाएगा। और यह जानते हुए कि सभी समुदायों की महिलाएं उनका समर्थन करती हैं, वे राज्य में पात्र महिलाओं को हर महीने दी जाने वाली 1000 रुपए की राशि बढ़ा सकती हैं। इस योजना की शुरुआत उन्होंने 2021 में की थी और न केवल इसका उन्हें भरपूर लाभ मिला, कई दूसरे राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया है। वक्फ संशोधन अधिनियम के पारित होने से आम मुसलमानों में जैसा आक्रोश है, वैसा अनुच्छेद 370 को हटाने या तीन तलाक को अवैध बनाने वाले कानून से नहीं हुआ था। यह 1985 के शाहबानो मामले की याद दिलाता है, जिस पर मुस्लिम समुदाय ने व्यापक प्रतिक्रिया की थी। उन्होंने इसे मुस्लिम के रूप में अपनी पहचान से जुड़ा हुआ मामला माना था। आज आम मुसलमानों को डर है कि हर गांव में मौजूद वक्फ की जमीन पर निर्मित मस्जिद, कब्रस्तान आदि सरकार (कलेक्टर) के कब्जे में जा सकते हैं। दूसरी तरफ नए कानून ने हिंदुओं को कुछ खास उत्साहित नहीं किया है। (ये लेखिका के अपने विचार हैं।)

John Doe

Comments (Please Share your views)

Follow Us

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020

Tranding News

Advertisement

Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
Get In Touch

Ashok nager, Delhi, India

909 505 9818

info@indiannews20.store

Follow Us
Flickr Photos
सरकारी नौकरी:गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 105 पदों पर निकली भर्ती; एज लिमिट 37 साल, सैलरी 50 हजार तक
रामपुर का फेमस मुरब्बा, देसी तरीके से होता तैयार, स्वाद के विदेशी भी हैं दीवान
गोंद कतीरा के साथ मिलाकर खाएं ये 6 चीजें, इन परेशानियों की हो जाएगी छुट्टी
गधे की वो 11 आदतें जो हर इंसान को अपनानी चाहिए | World Donkey Day 2025
अंकफल: आज अंक 1 वाले खरीदेंगे मकान, मूलांक 4 की लाइफ में मचेगी उथल-पुथल!
QR कोड से मिलेगा बिहार विधानसभा का टिकट, कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर आवेदन मांगे
bcci vice president Rajeev Shukla big statement on IPL 2025 Future
अदाणी समूह ने भूटान में 5,000 मेगावाट की पनबिजली परियोजनाओं के लिए किया करार
बाथरूम जा रही थी तभी ASI छेड़छाड़ करने लगा, थाने के बारेक में एसआई की गंदी हरकत; धमकाने का भी आरोप

© India News 20. All Rights Reserved. Design by PPC Service