कर्नाटक के चमाराजनगर के एक सरकारी स्कूल के कुल 21 छात्रों ने अपना दाखिला इसलिए वापस ले लिया क्योंकि मिड-डे मील बनाने के लिए एक दलित महिला को नियुक्त किया गया था। जिला प्रशासन ने 8 बच्चों के पेरेंट्स को स्कूल में वापस एडमिशन कराने के लिए फिलहाल मना लिया है। आगे की जांच की जा रही है। एकेडमिक ईयर 2024-25 के लिए स्कूल में 22 स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ था। अब जब दलित महिला को खाना बनाने के लिए स्कूल में रखा गया तो 21 स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने स्कूल न भेजने का फैसला किया है। स्कूल में अब केवल एक ही स्टूडेंट बचा है। दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया मामला चमाराजनगर के होम्मा गांव के गवर्नमेंट हायर प्राइमरी स्कूल का है। नियुक्त की गई दलित महिला और रसोई में काम करने वाले दूसरे कर्मचारियों का कहना है कि 22 में से केवल 7 बच्चे ही स्कूल में बना मिड-डे मील खाते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि अधिकतर बच्चों के माता-पिता खाना बनाने वाली की जाति को लेकर खुश नहीं थे। इसी वजह से उन्होंने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा दिया। दलित महिला की नियुक्ति से नाखुश कई पेरेंट्स स्कूल से बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट यानी TC भी लेकर जा चुके हैं और बच्चों का दूसरे स्कूल में एडमिशन करा दिया है। 21 में से 12 स्टूडेंट्स TC ले चुके हैं और बाकियों ने TC के लिए एप्लिकेशन जमा की है। नतीजा यह है कि स्कूल में अब एक ही बच्चा पढ़ता है और जल्द ही स्कूल बंद हो सकता है। स्कूल में 1 स्टूडेंट, 2 टीचर्स लोकल लोगों का कहना है कि स्कूल से नाम कटाने के पीछे जाति को लेकर भेदभाव ही है। स्कूल में अब केवल एक ही स्टूडेंट्स है और उसे पढ़ाने के लिए 2 टीचर्स हैं। आखिरी बचे स्टूडेंट के अभिभावकों ने भी TC के लिए एप्लिकेशन जमा कराई है। इसके बाद यह पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बुधवार को जिला प्रशासन होम्मा गांव पहुंचा और इसे लेकर टीचर्स और पेरेंट्स के साथ मीटिंग की। एजुकेशन डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर के अधिकारियों ने भी इस गांव का दौरा किया। छुआछूत के दोषियों को मिलेगी सजा- चमाराजनगर SP चमाराजनगर की SP BT कविता, जिला पंचायत की CEO मोना रोट और DDPI रामचंद्र राजे उर्स ने इस मामले में पेरेंट्स और टीचर्स से बातचीत की। पेरेंट्स ने इस दौरान कहा कि स्कूल में शिक्षा के खराब स्तर के चलते उन्होंने अपने बच्चों का नाम वहां से कटवाया है। अधिकारियों की इस टीम ने 8 बच्चों के पेरेंट्स को स्कूल में वापस एडमिशन कराने के लिए भी मना लिया है। SP कविता ने कहा कि इसकी भी जांच की जाएगी कि कुछ बच्चे स्कूल में मिड-डे मील क्यों नहीं खा रहे थे। अगर यह पता चलता है कि छुआछूत इसकी वजह है तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। ऐसी ही और खबरें पढ़ें... CBSE 10वीं की परीक्षा 2026 से 2 बार होगी:पहली परीक्षा कम्पल्सरी, दूसरी ऑप्शनल; अप्रैल-जून में नतीजे, सप्लीमेंट्री खत्म CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) 10वीं के स्टूडेंट 2026 से साल में 2 बार एग्जाम देंगे। एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बुधवार को यह जानकारी दी है। नए परीक्षा पैटर्न के मुताबिक, पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए जरूरी होगी और दूसरी ऑप्शनल। पूरी खबर पढ़ें....
Dal bafla recipe: मध्यप्रदेश का दाल बाफला सिर्फ व्यंजन नहीं, परंपरा और संस्कृति का हिस्सा है. गेहूं से बने बाफले घी में डुबोकर, अरहर की तड़के वाली दाल और चूरमा के साथ परोसे जाते हैं.
नोएडा की 13 वर्षीय आद्या की जिंदगी उस समय एक चौंकाने वाले मोड़ पर पहुंच गई जब उसने कक्षा 10 के बोर्ड एग्जाम खत्म किए ही थे. आद्या को स्कोलियोसिस नाम की गंभीर बीमारी हो गई, जिसमें रीढ़ की हड्डी असामान्य रूप से मुड़ जाती है.
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