मेरठ के होटल हारमनी इन में 100 टेबल लगाकर रईसजादों को जुआ खिलाया जा रहा था। पुलिस ने होटल मालिक समेत अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।
मेरठ में बीटेक सेकेंड ईयर की छात्रा ने बेहद खौफनाक कदम उठा लिया। छात्रा ने अपने कमरे में फांसी पर लटककर जान दे दी। छात्रा के कमरे में पुलिस को जांच में एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें छात्रा ने लिखा कि मम्मी-पापा मैं जा रही हूं, आपकी इज्जत को कुछ नहीं होगा। हालांकि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।गांव वालों में चर्चा है कि छात्रा ने सुसाइड नही ंकिया उसकी ऑनर किलिंग हुई है। पुलिस दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। मेरठ के इंचौली थाना क्षेत्र के नंगलाशेखू गांव में मोहन सैनी की बेटी खुशी सैनी सोमवार को कमरे में फांसी पर लटकी मिली। घरवालों ने जब बेटी को ऐसे देखा तो शोर मचा दिया। सूचना पर थाना पुलिस और एसपी देहात भी मौके पर पहुंचे। वहीं गांववाले भी इकट्ठा हो गए। वहीं पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। सबसे पहले बीटेक छात्रा के सुसाइड नोट को पढ़िए... मम्मी-पापा मैं आपको छोड़कर जा रही हूं। दुनिया वाले मतलबी होते हैं, किसी के सगे नहीं होते। आपकी इज्जत को अब कुछ नहीं होगा। पापा मैं अब छोड़कर जा रही हूं, मम्मी आपको भी अब मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी। मैंने काफी गलतियां कीं पर आपने हमेशा मुझे समझाया और प्यार किया। कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। अब मैं आपसे दूर हो रही हूं, बाय। अब आपकी इज्जत को भी कुछ नहीं होगा। ये दुनिया वाले किसी के सगे नहीं होते हैं, किसी को कुछ भी कहेंगे। यह मतलबी हैं, जब काम होगा तो बात करेंगे। अब अगर कोई आपसे मेरे बारे में पूछे तो कह देना पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, डिप्रेशन में थी, बीटेक में फेल हो गई थी। फिर आपको कोई कुछ नहीं कहेगा।घर पर नहीं थे माता, पिता जब खुशी ने ये कदम उठाया तो घर में मम्मी, पापा दोनों नहीं थे। खुशी महज 19 साल की थी। एफआईटी कॉलेज में बीटेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। खुशी के पिता मोहन सैनी फिटकरी गांव की पेपर मिल में काम करते हैं। सोमवार सुबह छह बजे मोहन ड्यूटी के लिए चले गए थे। मां राधा पशुओं के लिए चारा लेने गईं थीं। छोटा भाई गगन स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था। करीब 9:30 बजे मां लौटी। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो जिस कमरे में खुशी सोई थी, उसका दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने आवाज लगाई, परंतु अंदर से आवाज नहीं आई।पोस्टमार्टम करने पर किया विरोधकमरे में लगे बिना ग्रिल वाले जंगले की खिड़की को तोड़कर अंदर जाकर देखा तो पंखे के हुक में बंधे दुपट्टे से खुशी फंदे पर लटकी हुई थी। उसे नीचे उतारा गया। उसकी मौत हो चुकी थी। इंचौली थाना प्रभारी नरेश कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे। मेज पर रखे रजिस्टर में सुसाइड नोट मिला। कुछ परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने का विरोध किया। लेकिन पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया। खुशी की मौत की जानकारी मिलने पर उसके सहपाठी भी घर पहुंचे। टॉपर बेटी ये कदम उठाएगी सोचा भी नहीं थापिता मोहन सैनी ने बताया कि खुशी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सरधना स्थित नवोदय विद्यालय से की थी। इसके बाद रजपुरा स्थित एफआईटी कॉलेज में बीटेक में प्रवेश लिया था। अभी वह द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह अपने बैच की टॉपर थी। बेटी ये कदम उठा लेगी, उन्होंने कभी सोचा नहीं था। उसने कभी किसी परेशानी के बारे में भी जिक्र नहीं किया। हत्या या सुसाइड पुलिस कर रही जांचएसपी देहात राकेश कुमार ने बताया कि नंगलाशेखू निवासी बीटेक छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली है। पुलिस सूचना पर पहुंची। मौके से सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड या हत्या क्या सच है इसकी जांच हो रही है।
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
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