विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर राजस्थान की एक प्रेरणादायक कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रकृति को बचाना असल में जीवन को बचाना है। राजस्थान के सांभर नमक झील क्षेत्र की बंजर ज़मीन—जहां कभी खारे पानी की चमक और जीवन की चहल-पहल थी—पिछले एक दशक में निराशा का प्रतीक बन गई थी। भूजल स्तर बेहद नीचे [...]The post रेगिस्तान में लौटी उम्मीद: राजस्थान के सूखते नमक झील क्षेत्र को कैसे जिंदा किया समुदायों ने appeared first on The CSR Journal.
भास्कर संवाददाता | सुल्तानपुर नगर परिषद भले ही सफाई व्यवस्था के नाम पर स्टार रेटिंग हासिल कर चुका है, लेकिन नगर की जीवन रेखा कही जाने वाली पलक मति नदी की हालत बद से बदतर बनी हुई है। नदी का बड़ा हिस्सा खरपतवार और गंदगी से पट चुका है, जिससे इसकी प्राकृतिक सुंदरता खत्म होती जा रही है। बारिश के दिनों में बहाव के साथ गंदगी तो निकल जाती है, लेकिन बीच नदी में जमी गंदगी और खरपतवार अब बदनुमा दाग बन चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नदी के बीच खड़े इस खरपतवार को कर्मचारियों की मदद से बहाव में छोड़कर गंदगी को नगर से दूर किया जा सकता है।
Impact of Wearing Shoes Whole Day: क्या पूरा दिन जूते पहनना सेहत के लिए सही है. बिल्कुल नहीं. ऐसा कहना है डॉक्टरों का. इसलिए यदि पूरा दिन जूते पहनकर रहते हैं तो इस बात की जानकारी जरूर ले लें.
Indian News 20 द्वारा इस दिन पोस्ट की गई रविवार, 13 दिसंबर 2020
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