स्पेसएक्स के CEO इलॉन मस्क आज रात इंसानों को मंगल जैसे दूसरे ग्रहों पर बसाने की योजना के बारे में बताएंगे। वे सोशल मीडिया X पर रात 10:25 बजे लाइव आएंगे। इस कार्यक्रम का नाम ‘रोड टु मेकिंग लाइफ मल्टीप्लैनेरी’ है। मस्क का मानना है कि अगर भविष्य में पृथ्वी पर कोई बहुत बड़ा हादसा हो जाए, तो मंगल ग्रह इंसानी जीवन को बचाने का एक तरीका बन सकता है। वे कह चुके हैं कि इंसानों को केवल एक ग्रह पर सीमित नहीं रहना चाहिए। अगर हम कई ग्रहों पर बस जाएं, तो मानव सभ्यता का लंबे समय तक टिके रहना ज्यादा संभव हो जाएगा। मस्क के मल्टीप्लैनेरी प्रोग्राम के कुछ ही घंटे बाद स्पेसएक्स 28 मई को स्टारशिप की फ्लाइट टेस्ट करेगा। यह टेक्सास के स्टारबेस नाम की जगह से लॉन्च होगा। स्टारशिप को दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट कहा जाता है। स्टारशिप को 6 महीने में मंगल पर भेजने का दावा मस्क ने सोमवार को कहा था कि स्टारशिप मंगल ग्रह की यात्रा 6 महीने में कर सकता है, जबकि पहले यह सोचा जा रहा था कि इसमें 10 साल लगेंगे। मस्क ने बताया कि जब पृथ्वी और मंगल एक सीधी लाइन में आ जाते हैं, तब दोनों ग्रहों के बीच की दूरी बहुत कम हो जाती है। यह स्थिति हर 26 महीने (करीब 2.2 साल) में आती है। इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘अपोजिशन’ कहते हैं। इस समय पर रॉकेट को मंगल भेजना सबसे आसान और तेज होता है। आम दिनों में मंगल और पृथ्वी के बीच की दूरी करीब 24 करोड़ 90 लाख किलोमीटर होती है, लेकिन अपोजिशन के वक्त यह घटकर सिर्फ 7 करोड़ किलोमीटर रह जाती है। इससे पहले मस्क ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि अगर सब कुछ ठीक चला, तो 2026 में स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट टेस्ला के ह्यूमनॉइड रोबोट के साथ मंगल पर जाएगा और 2028 में इंसानों को लेकर मिशन भेजा जाएगा। स्टारशिप की फ्लाइट टेस्ट करेगी मस्क की कंपनीस्पेसएक्स 28 मई को स्टारशिप की फ्लाइट टेस्ट करने वाला है। यह टेक्सास के स्टारबेस नाम की जगह से लॉन्च होगा। पिछली दो टेस्ट उड़ानों में रॉकेट के ऊपरी हिस्से में आग लग गई थी और मलबा गिरा था, जिससे दिक्कतें हुई थीं। स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट को खासतौर पर दूसरे ग्रहों तक इंसानों और सामान को ले जाने के लिए बनाया गया है। हालांकि अब तक इसके सिर्फ दो टेस्ट लॉन्च हुए हैं और वो भी पूरी तरह से सफल नहीं रहे। इसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थीं, खासकर इंजन और हीट शील्ड को लेकर। हीट शील्ड वो हिस्सा होता है जो रॉकेट को वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करते समय जलने से बचाता है। इलॉन मस्क ने कहा कि अब तक कोई भी कंपनी ऐसी हीट शील्ड नहीं बना पाई है जो बार-बार इस्तेमाल हो सके। लेकिन स्पेसएक्स कोशिश कर रहा है कि वो इसे बार-बार इस्तेमाल करने लायक बनाए। मस्क का दावा- 2025 तक मंगल पर इंसानी बस्ती होगी मस्क मंगल ग्रह पर इंसानों की सेल्फ सस्टेनिंग कॉलोनी बसाना चाहते हैं। उनका कहना है कि न्यूक्लियर युद्ध या किसी एस्टेरॉइड के टकराने से पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में आ जाए। ऐसी स्थिति में हमारे लिए सबसे उपयुक्त मंगल ग्रह ही है। इससे इंसान अपना विनाश टाल सकते हैं। सितंबर 2016 में मस्क ने अपने प्लान और तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया भी था। उनका कहना था कि वो 2050 तक वहां सेल्फ सस्टेनिंग इंसानी बस्ती देख पाएंगे। हाल ही में मस्क ने कहा कि 2026 के अंत तक स्टारशिप मंगल के लिए रवाना होगा। इस दौरान उसके साथ टेस्ला का ह्यूमनॉइड रोबोट ‘ऑप्टिमस’ भी जाएगा। अगर यह मिशन सफल रहा, तो 2029 में इंसानों को मंगल भेजने की कोशिश की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 2031 में इंसानी मिशन की संभावना ज्यादा है। ------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट का 9वां टेस्ट कल:लैंडिंग के दौरान एक इंजन जानबूझकर बंद किया जाएगा; पिछले दो टेस्ट फेल हो गए थे दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 9वां टेस्ट भारतीय समय के अनुसार कल यानी, 28 मई को सुबह 5 बजे होगा। रॉकेट की लॉन्चिंग टैक्सास के बोका चिका से की जाएगी। इस टेस्ट में पहली बार 7वें टेस्ट में इस्तेमाल किए गए बूस्टर का दोबारा उपयोग होगा। यहां पढ़ें पूरी खबर...
रणथम्भौर दुर्ग और त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर लगातार टाइगर मूवमेंट बना हुआ है। यह मूवमेंट त्रिनेत्र गणेश मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। यह पिछले काफी समय से रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर लगातार टाइगर मूवमेंट बना हुआ है। जिसके चलते श्रद्धालु दहशत में है। इसी कड़ी में आज एक बार फिर से रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर गौमुखी के आगे मिश्रदर्रा के पास मुख्य सड़क पर अचानक से टाइगर आ गया। जिसे देखकर श्रद्धालुओं की सांसे थमी रह गई। गनीमत यह रही कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालु चौपाहिया वाहनों में सवार थे। चौपाहिया वाहनों में सवार श्रद्धालुओं ने टाइगर की तस्वीरे अपने मोबाइल कैमरे में भी कैद कर लिया। इस दौरान विडंबना का विषय यह रहा कि टाइगर मुख्य सड़क पर होने के बावजूद वन विभाग का कोई कर्मचारी दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिया। ऐसे में वाहन ड्राइवरों की लापरवाही भी देखने को मिली। करीब लगभग आधे घंटे तक यहां टाइगर मुख्य सड़क पर चलता रहा। जब टाइगर का मूवमेंट थोड़ा सा जंगल की ओर हुआ, तभी वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, लेकिन यहां लगातार टाइगर मूवमेंट लोगों में भय भी पैदा कर रहा है। वहीं वनविभाग की ओर से अभी तक इसे रोकने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठा रही है।
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