यदि आप भी लोअर बैक पेन के कारण चलने फिरने से परेशान हैं और डॉक्टरों ने आपको सर्जरी ही अंतिम विकल्प बता दिया है तो अब घबराने की जरूरत नहीं है. ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध ने ऐसे मरीजों को उम्मीद की एक एक नई किरण दी है. शोध में पाया गया कि सर्जरी के अलावा कई और उपायों से किए गए इलाज से लोअर बैक पेन के कारण विकलांगता सहन कर रहे मरीजों को आराम मिला है. किस तरह से इलाज किया और इलाज में क्या शामिल किया गया.
मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं में होने वाला एक नेचुरल प्रोसेस है, जो हर महीने होता है। लगभग 28 दिनों के अंतराल पर हर महिला आमतौर पर 3 से 7 दिनों के पीरियड साइकिल से गुजरती है और इस दौरान हर किसी का एक्सपीरिएंस काफी अलग-अलग होता है।यानी किसी के लिए ये 7 दिन बहुत आराम से गुजर जाते हैं, जबकि कई लोगों को पीरियड्स मूड स्विंग्स, पेट में तेज दर्द के साथ होता है। जबकि कुछ महिलाएं हैवी पीरियड्स का सामना करती हैं। इसमें मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक ब्लड फ्लो होता है। हैवी पीरियड्स आमतौर पर अतिरिक्त एस्ट्रोजन के कारण होता है क्योंकि यह हार्मोन आपके गर्भाशय की परत को मोटा कर सकता है।महिलाओं को हैवी पीरियड्स के साथ-साथ आयरन की कमी और पीरियड्स पेन की समस्या भी हो सकती है। लेकिन कुछ फूड आइटम्स हैवी पीरियड्स से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। ये आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाने, रक्त की मात्रा बढ़ाने, हार्मोन संतुलन का समर्थन करने और सूजन को कम करने में भी मददगार हैं।Photos- Freepik
किसानों के नाम ऋण उठाने में होने वाले फर्जीवाड़े पर अब डिजिटल सिस्टम से लगाम लगाई जाएगी। इसी कड़ी में प्रदेश की करीब 7 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण होगा। इन सभी समितियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो रहा है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ऋण संबंधी गड़बड़ियों पर नकेल कसी जा सकेगी। अब तक सबसे ज्यादा शिकायतें ऋण से वंचित रखने, किसानों के नाम फर्जी तरीके से ऋण उठा लेने की आती रही हैं। इन शिकायतों से निपटने और विभागीय काम काज में पारदर्शिता लाने के लिए 115 करोड़ की लागत से समितियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। पहले चरण में करीब साढ़े पांच हजार समितियों के लिए हार्डवेयर खरीदे गए हैं। 30 जून तक बाकी समस्त समितियों का काम काज ऑनलाइन किया जाना है। इसके बाद इन्हें ई पैक्स के रूप में घोषित किया जाएगा। इस दौरान ऑनलाइन सिस्टम की ऑडिट भी की जाएगी। इंजीनियर परखेंगे कि सिस्टम में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। दरअसल, वर्ष 2025 अंतरराष्ट्रीय सहकारिता के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत ग्राम सहकारी समितियों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। ताकि किसानों को अधिकाधिक फायदा मिल सके। ग्राम सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने की योजना केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सहकारी समितियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। इसमें 60 प्रतिशत बजट केंद्र दे रहा है। ग्राम सहकारी समितियों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आने से उनके कार्यों को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। साथ ही सहकारी समितियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। ऑनलाइन काम होने से भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी। सदस्य घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से ही आवेदन आदि कर सकेंगे। अब तक उन्हें व्यवस्थापक के चक्कर लगाने पड़ रहे थे।
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