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रतलाम में स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण व स्कूलों में कमियां को लेकर जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी पर स्कूल संचालकों से अवैध वसूली का आरोप लगा है। अधिकारियों ने बीजेपी नेता के स्कूल जाकर उनके भाई से भी 30 हजार रुपए लिए। इस बात की जानकारी बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय को लगी तो उन्होंने जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की शिकायत प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप व भोपाल तक कर दी। शिकायत के बाद जिला शिक्षा केंद्र में हड़कंप मच गया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा- मेरे पास प्रूफ है कितनों स्कूलों से राशि ली है। भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। जिन स्कूल संचालकों से राशि ली है उनको वापस रूपए दिला कर रहूंगा। भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। 15 से 30 हजार रुपए की अवैध वसूली जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) धर्मेंद्र हाड़ा समेत रतलाम विकासखंड के बीआरसी प्रणव द्विवेदी, एपीसी विवेक नागर पर अवैध रूप से राशि मांगने के आरोप लगे है। बीजेपी जिलाध्यक्ष का दावा है जिला शिक्षा केंद्र के विभागीय अधिकारियों ने रतलाम शहर के 100 से 200 प्राइवेट स्कूल संचालकों से अलग-अलग राशि ली है। स्कूल संचालकों से 15 हजार, 20 हजार व 30 हजार रुपए अलग-अलग राशि मान्यता नवीनीकरण, नवीन मान्यता व स्कूलों में कमियां बता कर ली है। डीपीसी को कहा राशि वापस होना चाहिए बीजेपी जिलाध्यक्ष ने मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के पदाधिकारियों व स्कूल संचालकों के साथ डीपीसी धर्मेंद्र सिंह हाड़ा से मुलाकात की। उन्होंने डीपीसी को चेतावनी दी कि अगर राशि किसी भी अधिकारी ने ली है तो वापस होना चाहिए। जिन स्कूलों से अवैध राशि ली है, मेरे पास प्रूफ है। बता दें कि, जिले में कक्षा पहली से आठवीं तक 506 स्कूल हैं। इनमें में से 230 शहर में मौजूद है। इनमें से 76 प्रतिशत की मान्यता का नवीनीकरण होना शेष है। कुछ नए स्कूल भी खुले हैं, जिन्हें मान्यता लेना है। पहले दिए नोटिस, फिर अवैध वसूली मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा ने बताया कि रतलाम के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मान्यता नवीनीकरण के नाम पर 30-30 हजार रुपए लिए जा रहे है। विभाग के अधिकारियों द्वारा कमियां बताकर रूपए की मांग की जा रही है। सबके अलग-अलग रेट तय कर दिए है। डीपीसी, बीआरसी व एपीसी द्वारा डिमांड की जाती है। यह बताया जाता है कि जिला पंचायत सीईओ को हमको भेजना पड़ता है। इस तरह से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर चल रहा है। हमने कलेक्टर को शिकायत की है। हमारी मांग है कि कमेटी बनाकर जांच की जाए। जो भी दोषी है उस पर कार्रवाई की जाए। ओझा ने यह भी बताया कि पहले जिला शिक्षा केंद्र से स्कूलों में विभिन्न कमियां बताते हुए नोटिस जारी किए। शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ तो अधिकारी मान्यता नवीनीकरण के नाम पर अवैध राशि देने के लिए दबाव बनाने लगे। इन स्कूलों से ली राशि नवज्योति विद्यापीठ नामली, न्यूस्टार मांटेसरी स्कूल जावरा, आदर्श विद्या विहार रतलाम, एम पब्लिक कॉन्वेंट रतलाम नवभारत स्कूल रतलाम, नवज्योति स्कूल रतलाम, स्टार फोर्ड स्कूल रतलाम, नवीन शिव विद्यालय रतलाम, मारूति एकेडमी सातरुंडा, रामदास स्कूल रतलाम, संत मीरा कॉन्वेंट स्कूल रतलाम, सरस्वती शिशु मंदिर रतलाम। आरोप के बाद से गायब है बीआरसी, राशि लौटाई आरोप लगने के बाद दो दिन से बीआरसी गायब है। बताया जा रहा है कि वह अपने ऑफिस भी नहीं आए। जबकि एपीसी विवेक नागर बुधवार दोपहर डीपीसी के चैंबर में डीपीसी के साथ बैठे थे। विवेक नागर पूर्व में शिक्षकों के साथ मारपीट के मामले में जेल भी जा चुके है। इसके बाद उन्हें बीआरसी के पद से हटा दिया था। बाद में वह उसी ऑफिस में एपीसी बन गए। जानकारी के अनुसार, जिस संबंधित अधिकारी ने भाजपा नेता के स्कूल से उनके भाई से ली 30 हजार रुपए की राशि भी वापस लौटा दी है। इस तरह हुआ उजागर हुआ मामला बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने बताया कि प्राइवेट स्कूल संचालकों से मित्रता है, पारिवारिक लोग है। सरस्वती शिशु मंदिर जैसे स्कूलों में मान्यता को लेकर कमियां बता कर अवैध राशि ली जा रही है। मेरे पास नामजद पांच से 7 स्कूल के लोग है जिन्होंने अवैध रूपए वसूलने की बात बताई। संत मीरा स्कूल से 30 हजार, मारुति एकेडमी से 25 हजार, रामदास स्कूल से 10 हजार व संध्या स्कूल से भी 10 हजार इस प्रकार कई स्कूलों से राशि ली है। रतलाम शहर में 100 से 200 स्कूलों में मान्यता के नाम पर लूटने का काम किया है। उसको लेकर जिला शिक्षा केंद्र में अधिकारियों से भी मिला हूं। एडीएम को भी इस बारे में जानकारी दी है। ऐसे अधिकारी सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर कर रहे है। डीपीसी को कहा जिसने भी राशि ली है वह तो वापस करना पड़ेगी। डीपीसी बोले- आरोप निराधार है, जांच कराएंगे वहीं डीपीसी धर्मेंद्रसिंह हाड़ा ने बताया यह सब गलत तथ्य व आरोप लगाए जा रहे है। हम 90 प्रतिशत मान्यता 2 अप्रैल को जारी कर चुके थे। उनका निराकरण भी हो चुका है। कुछ की मान्यता बची थी, वह भी 7 अप्रैल तक पूरी कर दी। कुछ स्कूल संचालकों की मान्यता किसी कारण से नहीं मिल पाई है उन लोगों ने षड्यंत्रपूर्वक निराधार आरोप लगाए जिनमें कोई सच्चाई नहीं है। बीजेपी जिलाध्यक्ष ने भी जो आरोप लगाए है उन आरोपों की जांच, जांच कमेटी बनाकर कराएंगे। बहुत जल्दी निराकरण कर देंगे।
विधायक आदित्य ठाकरे भी होंगे कार्यक्रम में शामिल13 अप्रैल को कांदिवली में लगाएगा पाठशालाबालासाहेब को पता होता कि वेंगसरकर के साथ मियांदाद मिलने आ रहे हैं तो वह उनसे कभी नहीं मिलते- संजय राऊत
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