प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस...
Apple AI: Apple की AI यात्रा की शुरुआत थोड़ी धीमी रही है. इतना कि कंपनी को अपनी AI-संचालित Siri को 2026 तक टालना पड़ा. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है Apple की सख्त प्राइवेसी नीति जिसकी वजह से कंपनी के पास AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए बड़ा डेटा बेस ही मौजूद नहीं है. इस कमी को पूरा करने के लिए Apple को अब अपने प्रतिस्पर्धियों की मदद भी लेनी पड़ रही है.लेकिन अब Apple ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि उसके AI मॉडल कैसे तैयार किए जाते हैं और कम डेटा के बावजूद वे कैसे प्रभावी ढंग से काम करते हैं. कंपनी ने अपने निजी डेटा सेंटर्स के लिए खास AI सर्वर तैयार किए हैं जो Apple AI को पावर देते हैं और भारी प्रोसेसिंग का काम संभालते हैं.Apple के AI मॉडल कैसे होते हैं ट्रेन?Apple ने दो तरह के AI मॉडल विकसित किए हैं एक छोटा मॉडल जो iPhone और iPad जैसे डिवाइसेज़ पर ही लोकल प्रोसेसिंग करता है और एक बड़ा मॉडल जो कंपनी के ‘Private Compute Cloud’ पर चलता है. ये मॉडल टेक्स्ट समझने, इमेज को पहचानने और कंटेंट क्रिएशन जैसे कामों में मदद करते हैं वो भी यूज़र की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए.इन AI मॉडल्स को ट्रेन्ड करने के लिए Apple असली यूज़र डेटा का इस्तेमाल नहीं करता. इसके बजाय कंपनी सिंथेटिक डेटा यानी एआई से तैयार किए गए डेटा का इस्तेमाल करती है जो किसी यूज़र से सीधे नहीं जुड़ा होता. कुछ हद तक, कंपनी डिवाइस एनालिटिक्स से जुड़े आंकड़े भी इस्तेमाल करती है लेकिन ये भी सिर्फ उन्हीं डिवाइसेज़ से होते हैं जिन्होंने इसकी अनुमति दी हो.हालांकि, रियल-वर्ल्ड डेटा की कमी के कारण Apple के AI मॉडल कभी-कभी यूज़र के इनपुट को सही ढंग से समझ नहीं पाते, यही वजह है कि Siri जैसे फीचर्स अभी सीमित क्षमता में काम कर रहे हैं.डिवाइस पर ही AI प्रोसेसिंगApple की तकनीक की एक बड़ी खासियत यह है कि कई AI फीचर्स को बिना क्लाउड की मदद के, सीधे डिवाइस पर प्रोसेस किया जा सकता है. लेकिन जैसे ही कोई यूज़र ChatGPT (OpenAI) या Google Gemini जैसी AI सेवाओं को एक्सेस करता है तब डेटा प्रोसेसिंग उन कंपनियों के सर्वर पर होती है जिस पर Apple का कोई नियंत्रण नहीं होता.Apple का पूरा AI इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेसी के मूल सिद्धांत पर टिका है चाहे वह कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी हो, डेटा स्टोरेज हो या AI ट्रेनिंग का तरीका. इस सीमित डेटा एक्सेस की वजह से Apple उन कंपनियों से पीछे रह गया है जिनके पास अरबों यूज़र्स से जुड़े ओपन डेटा सेट्स उपलब्ध हैं जैसे कि OpenAI और Google.AI रेस में पिछड़ता Apple?WWDC 2025 इवेंट में भी Apple ने अपने AI फीचर्स को ज्यादा नहीं दिखाया और अब माना जा रहा है कि आने वाला iPhone 17 सीरीज भी बड़ी AI घोषणाओं से चूक सकता है. Apple को अब 2026 में बड़ी रणनीति और ज़ोरदार AI लॉन्च की ज़रूरत होगी, वरना OpenAI और Google जैसी कंपनियों से आगे निकलना और भी मुश्किल हो जाएगा.यह भी पढ़ें:अब Wi-Fi बताएगा आप कहां हैं और कैसे खड़े हैं! प्राइवेसी पर फिर खड़े हो रहे सवाल
Tamil Nadu तमिलनाडु : पुदुक्कोट्टई जिले के थिरुमायम तालुक में रायपुरम के पास अलंगुडी पेरियाकम्माई के जलग्रहण क्षेत्रों में प्राचीन लौह एवं इस्पात मिलों के अवशेष मिले हैं।प्रोफ़ेसर सुभा मुथगन,...
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