Jio vs Airtel Data Recharge Plans: भारत में तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियां जियो, वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल अपने ग्राहकों को किफायती दाम में बेहतर डेटा प्लान ऑफर कर रही है. अक्सर ग्राहकों को यह जानने में मुश्किल होती है कि आखिर कौन सी कंपनी ज्यादा सस्ता और अधिक डाटा वाला प्लान ऑफर कर रही है. आइए, जानते हैं कि जियो और एयरटेल के 2GB रोजाना डाटा वाले प्लान में कौन ज्यादा किफायती है, किसमें आपको कम कीमत पर ज्यादा का फायदा मिलता है, ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से बेहतर प्लान का चुनाव कर सकें. जियो का 198 रुपये वाला प्लानजियो का यह सबसे सस्ता रिचार्ज प्लान है, जो 14 दिनों की वैलिडिटी के साथ आता है. इसमें कंपनी अपनी तरफ से रोजाना 2 जीबी डेटा ऑफर करती है. इसके अलावा, इसमें अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग, डेली 100 SMS की सुविधा भी मिलती है. साथ ही साथ, इसमें JioTV, JioCinema, और JioCloud का फ्री सब्सक्रिप्शन ऑफर किया जाता है.जियो का 349 रुपये वाला प्लानजियो का ये रिचार्ज प्लान 28 दिनों की वैधता के साथ आता है. इस प्लान के तहत आपको रोजाना 2 जीबी डेटा ऑफर किया जाता है. इसके अलावा, प्लान में अनलिमिटेड कॉलिंग, डेली 100 SMS के साथ Jio Cloud, Jio TV और Jio Cinema का सब्सक्रिप्शन एकदम मुफ्त मिलता है.Airtel का 199 रुपये वाला प्लानएयरटेल के ये रिचार्ज प्लान 28 दिनों की वैधता के साथ आता है. इस प्लान के तहत ग्राहकों को डेली 2 जीबी डेटा ऑफर किया जाता है. इसके साथ ही इसमें अनलिमिटेड कॉलिंग, प्रतिदिन 100 SMS की भी सुविधा मिलती है.Airtel का 379 रुपये वाला प्लानएयरटेल के इस रिचार्ज प्लान की वैधता 1 महीने की होती है. इस रिचार्ज प्लान के तहत ग्राहकों को डेली 2 जीबी डेटा मिलता है. एक महीने वाले इस रिचार्ज प्लान में अनलिमिटेड कॉलिंग और रोजाना 100 SMS का भी फायदा मिलता है.ये भी पढ़ें-34 हजार रुपये में बनकर तैयार हो जाता है Google Pixel 9 Pro, फिर कंपनी क्यों वसूल रही ₹1,09,999?
किशनगंज के शतरंज खिलाड़ी ऋत्विक मजूमदार को सैनिक स्कूल में दाखिला मिल चुका है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। ये जानकारी जिला शतरंज संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता, आयोजन सचिव और चेस क्रॉप्स के प्रमुख व खिलाड़ी के निजी प्रशिक्षक कमल कर्मकार ने खिलाड़ी के माता-पिता रोमी दास एवं रंजीत मजूमदार के हवाले से दी। उन्होंने बताया कि करीब 10 लाख विद्यार्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए 12 वर्षीय ऋत्विक ने यह मुकाम हासिल की। उसने कुल 300 में से 227 अंक अर्जित किया और पूरे भारतवर्ष में 15690वां स्थान प्राप्त हुआ। इस उपलब्धि के आधार पर विद्यार्थी को सैनिक स्कूल खरा खेरी, फतेहाबाद, हरियाणा में दाखिला मिल चुका है। उन्होंने आगे बताया कि लोहरपट्टी निवासी रित्विक अब तक स्थानीय सेंट जेवियर्स स्कूल के वर्ग 7 में अध्ययनरत था। वे शतरंज प्रशिक्षण संस्था चेस क्रॉप्स से शतरंज भी सीख रहे थे और इस खेल में भी कई बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। अपने जिले में जूनियर खिलाड़ियों के बीच ऋत्विक का शतरंज खेल में अंतर्राष्ट्रीय फिडे रेटिंग 1537 ही सर्वाधिक है जो इस खेल में उसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है। वर्ष 2021 में भी अपने जिले के एक और शतरंज खिलाड़ी, संघ के उपाध्यक्ष मिथिलेश झा और रिंकी झा की बेटी कुमारी जिया भी सैनिक स्कूल में दाखिला के लिए पात्रता अर्जित की थी। ऋत्विक की इस सफलता पर उनके परिवार सहित पूरे शतरंज परिवार में खुशी का माहौल है। इस सूत्र में शतरंज संघ से जुड़े सभी पदाधिकारी और उनके परिचित विद्यार्थी को लगातार बधाइयां दे रहे हैं।
मथुरा में सोमवार को प्रसिद्ध कंस वध मेला का आयोजन किया जाएगा। इस मेला में चतुर्वेदी समाज के लोग कंस के पुतले को जलाने की बजाय उसे लाठियों से पीटते हैं और मथुरा की सड़कों पर घसीटते हैं। कंस के पुतले को पीटने के लिए चतुर्वेदी समाज के घर घर में लाठियां तैयार कर ली गई हैं। चतुर्वेदी समाज का प्रसिद्ध मेला है कंस वध मेला कार्तिक शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला कंस वध मेला चतुर्वेदी समाज का प्रसिद्ध मेला है। इस मेला में शामिल होने के लिए मथुरा के ही नहीं बल्कि मथुरा से निकलकर देश विदेश में रह रहे चतुर्वेदी समाज के लोग यहां पहुंचते हैं। यह लोग नए कपड़े पहन कर हाथों में लाठियां लेकर कंस को मारने के लिए निकलते हैं। तैयारियां की पूरी प्रसिद्ध कंस वध मेला के लिए चतुर्वेदी समाज ने तैयारी पूरी कर ली है। इस मेला के लिए सबसे प्रमुख होती है लाठी। लाठियों के बार से ही चतुर्वेदी समाज के लोग कंस के पुतले को छलनी करते हैं। इसके लिए यह लोग पिछले 15 दिनों से लाठियों को तैयार करते हैं। जैसी जिसकी लंबाई वैसी हाथ में लाठी कंस वध मेला में कंस के पुतले को पीटने के लिए चतुर्वेदी समाज में बुजुर्ग हो,युवा हो या फिर बच्चा सभी के हाथ में लाठियां होती हैं। यहां चतुर्वेदी समाज का जैसा व्यक्ति होता है उसके हाथ में वैसी लाठी होगी। यानी कोई लंबा व्यक्ति है तो उसके हाथ में लंबी लाठी और अगर किसी की लंबाई कम है तो उसके हाथ में छोटी लाठी होगी। घर में जितने पुरुष उतनी लाठियां कंस के पुतले को लाठियों से झुर करने के लिए चतुर्वेदी समाज के लोग आतुर नजर आते हैं। यहां घर में जितने पुरुष होते हैं उस घर में उतनी लाठियां तैयार की जाती है। कंस के पुतले को झुर करने के लिए यह लोग लाठियों को खरीदते हैं, उसमें तेल लगाते हैं और करते हैं मजबूत। कंस मारने के लिए बाहर से लाठियों की खेप मथुरा पहुंच गई। यहां के प्रमुख विश्राम घाट के आसपास दुकानों पर लाठियां बिकती नजर आईं। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी बादाम छाप लाठियां बेचने वाले तीर्थ पुरोहित कई प्रदेशों से विभिन्न तरह की लाठियां लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि वह लुधियाना,उत्तर प्रदेश, झारखंड,बिहार सहित अन्य राज्यों के शहरों से लाठियां लेकर आए हैं। लाठियां मजबूत है जानदार हैं। उन्होंने कहा कि चतुर्वेदी समाज के बंधु आ रहे हैं उनसे लाठियां ले रहे हैं।
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