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Karnataka: आशा कार्यकर्ता 12 अगस्त से राज्यव्यापी रात्रिकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगी

Bengaluru बेंगलुरु: राज्य परिवहन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से कुछ ही दिन पहले, राज्य में एक और बड़ा श्रमिक आंदोलन पनप रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़, हज़ारों आशा कार्यकर्ता,...

Elon Musk की टेस्ला EV का ऑटोपायलट मोड नाकाम, टक्कर से हुई लड़की की मौत; देना होगा 329 मिलियन डॉलर का हर्जाना

Elon Musk Tesla EV मियामी की अदालत ने निर्धारित किया है कि टेस्ला को 2019 ऑटोपायलट दुर्घटना के लिए आंशिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए। साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार को 329 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा इस दुर्घटना में टेस्ला का ऑटोपायलट तकनीक नाकाम रही।

MP में पहली बार 9वीं के साथ होगी आईटीआई:10 वीं पास करते ही विदेश में नौकरी मिलेगी; रूस से 1.5 लाख जॉब ऑफर

मध्यप्रदेश में पहली बार अब कक्षा 9वीं के साथ आईटीआई होगी। इसका फायदा यह होगा कि 10 वीं पास करने के साथ ही स्टूडेंट के हाथ में नौकरी होगी। अब उसे नौकरी नहीं करनी है तो दूसरा ऑप्शन 12वीं तक डिप्लोमा करने का रहेगा। इतना ही नहीं स्टूडेंट सीधे इंजीनियरिंग के सेकेंड ईयर में एडमिशन भी ले पाएगा। इसकी शुरुआत इसी सत्र से हो गई है। स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट आठ ट्रेड में आईटीआई कर सकेंगे। इसमें ईवी मैकेनिक ट्रेड के तहत स्टूडेंट इलेक्ट्रिक व्हीकल की ट्रेनिंग ले सकेंगे तो प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मेसन, ड्रेस डिजाइन, स्विंग टेक्नोलॉजी, वायरमैन के साथ रेफ्रिजरेशन एंड एसी ट्रेड में आईटीआई कर सकेंगे। एक साथ करा सकेंगे दो कोर्सराज्य ओपन स्कूल के डायरेक्टर प्रभातराज तिवारी बताते हैं, एनसीवीईटी ( नेशनल काउंसिल फाॅर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग) ने देश के पांच बोर्ड को "ड्युअल अवार्डिंग बॉडी" के रूप में मान्यता दी है। इसका मतलब है कि ये बोर्ड अब एनसीवीईटी के साथ मिलकर व्यवसायिक प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान कर सकते हैं। यह पहल छात्रों को अधिक विकल्प और अवसर प्रदान करने के लिए की गई है। "ड्युअल अवार्डिंग बॉडी" का मतलब है कि ये बोर्ड न केवल अपने पारंपरिक प्रमाण पत्र जारी करेंगे, बल्कि एनसीवीईटी के साथ मिलकर भी प्रमाण पत्र जारी करेंगे. इससे छात्रों को दोहरी मान्यता प्राप्त होगी और उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ओपन बोर्ड अब एक बार में दो कोर्स करा सकेगा जिसमें स्टूडेंट 9वीं और 10 वीं की पढ़ाई जारी रखते हुए आईटीआई भी कर सकेंगे। इसे दोहरा सर्टिफिकेट कोर्स नाम दिया गया है। इसके तहत न केवल 9वीं और 10 वीं की परीक्षा हो जाएगी, बल्कि वे आईटीआई भी कर सकेंगे। इसके बाद 11–12 वीं करते हुए डिप्लोमा पूरा हो जाएगा। 10 वीं के बाद ही नौकरी का ऑफर इसके तहत दो साल की पढ़ाई के बाद ही स्टूडेंट हाई स्कूल पास हो जाएगा तो उसके साथ ही दो साल का आईटीआई डिप्लोमा भी कर सकेगा। इसके बाद स्टूडेंट के पास विकल्प रहेगा कि वह आगे की पढ़ाई करना चाहता है या नौकरी। पारिवारिक स्थिति और अपनी रुचि के अनुसार स्टूडेंट नौकरी का विकल्प भी चुन सकेंगे, जिसमें बोर्ड मदद करेगा। यदि विद्यार्थी आगे पढ़ाई करना चाहता है तो 11 वीं और 12 वीं के साथ डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं। स्टूडेंट के पास विदेश जाने का मौकातिवारी बताते हैं कि ओपन स्कूल के रुस स्थित भारतीय दूतावास से चर्चा हो गई है। चर्चा में रुस में डेढ़ लाख मेसन (राजमिस्त्री) की जरूरत बताई गई है। इस योजना के तहत पास होने वाले ट्रेंड विद्यार्थियों को दूतावास के माध्यम से रुस में नौकरी का मौका भी मिल सकेगा, जहां वे सर्विस करके अपने हुनर के बदले एक से डेढ़ लाख रुपए महीने तक की कमाई कर सकेंगे। शिक्षामंत्री के विधानसभा क्षेत्र से शुरुआतप्रदेश में इस योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सांईखेड़ा में होने जा रही है। सांईखेड़ा के शासकीय स्कूल में आठों ट्रेड के लिए लैब स्थापित की जा रही है। यह स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की विधानसभा क्षेत्र में है। इसके साथ इस मॉडल आईटीआई में 100 स्टूडेंट के रुकने की व्यवस्था भी होगी। यहां एक्सपर्ट थ्योरी के साथ–साथ लगातार प्रैक्टिकल की ट्रेनिंग भी देंगे। ऑनलाइन टीचिंग, 15–15 दिन की प्रैक्टिकल ट्रेनिंगपायलट प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा क्षेत्र के 300 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों को 9वीं–10 वीं के साथ आईटीआई करने का मौका मिलेगा। इसकी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से स्कूली विषयों के साथ कराई जाएगी, वहीं प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए साल में दो बार 15–15 दिन आईटीआई में रहकर प्रैक्टिकल का मौका मिलेगा। स्टूडेंट मॉडल आईटीआई बिल्डिंग के छात्रावास में रहकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। 15–15 दिन के दो सत्रों में स्टूडेंट अधिक ट्रेनिंग ले सकेंगे। इसके लिए हर दिन 12– 12 घंटे का ट्रेनिंग शेड्यूल बनाया गया है। फीस नहीं भरने वाले भर सकेंगे बॉन्डआईटीआई की फीस जहां 25 हजार होती है, वहीं स्टूडेंट पढ़ाई के साथ 15 हजार रुपए में आईटीआई कर सकेंगे। इस योजना का प्रारूप बनाते समय इस बात की व्यवस्था भी की गई है कि आर्थिक रूप अक्षम होने के चलते कोई तकनीकी कौशल सीखने से वंचित ना हो। योजना के तहत ऐसी व्यवस्था की गई है कि फीस नहीं भर सकने वाले स्टूडेंट से एक बॉन्ड भरवाया जाएगा। बॉन्ड भरने वाले स्टूडेंट से पढ़ाई पूरी होने के बाद एक साल काम कराया जाएगा जिससे फीस की प्रतिपूर्ति हो जाएगी। मल्टी एंट्री, मल्टी एग्जिट पॉलिसीयोजना केवल फीस के मामले में लचीली नहीं है, बल्कि पूरी पॉलिसी को इस तरह बनाया गया है कि विद्यार्थी इसमें अलग–अलग स्तर पर प्रवेश लेकर और निकलने के विकल्प चुन सकते हैं। इसे मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एग्जिट नाम दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को तैयार किया गया है जिससे हजारों विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। रोजगार निर्मित भी करेंगेओपन बोर्ड के डायरेक्टर तिवारी बताते हैं, इस योजना के तहत न केवल स्कूली विद्यार्थियों को तकनीकी कौशल में दक्ष किया जाएगा, बल्कि रोजगार भी जनरेट किए जाएंगे। इसके लिए उद्यमियों से चर्चा चल रही है। पढ़ाई के साथ तकनीकी कौशल सीखने के बाद हमारे पास बड़ी संख्या में तकनीकी रूप से सक्षम युवा तैयार होंगे, जिनकी मदद से स्थानीय स्तर पर ही उत्पादन की योजना बनाई जा रही है,जिससे इन युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। अगले चरण में उज्जैन और सारंगपुर में योजनातिवारी बताते हैं, वोकेशनल एजुकेशन फाॅर ड्राॅप आउट स्कीम के जनक देश के पूर्व तकनीकी सचिव रघुराम राजेंद्रन हैं। देश के छह बोर्ड में शामिल मध्यप्रदेश का ओपन स्कूल इसके पायलट प्रोजेक्ट को गाडरवाड़ा में शुरू कर रहा है, इसके सफल होने के बाद इसे उज्जैन की दक्षिण विधानसभा और राजगढ़ के सारंगपुर में शुरू किया जाएगा। मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यकारिणी की 45 वीं बैठक में इस योजना का अनुमोदन कर दिया गया है। इसके तहत 4.5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश में 1 साल में तैयार हो रहे मात्र 85 एसी मैकेनिक मध्य प्रदेश में 221 सरकारी आईटीआई और 717 निजी आईटीआई हैं। इनमें एक लाख से अधिक सीटें हैं, लेकिन इतने के बावजूद इनमें एसी मैकेनिक की मात्र 150 सीटें हैं। यह दो साल का कोर्स है, ऐसे में एक साल में मात्र 85 एसी मैकेनिक तैयार होकर निकल रहे हैं। जबकि ईवी मैकेनिक तो 50 भी तैयार नहीं हो पा रहे हैं। 8.5 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में कौशल क्षमता वाले युवाओं की बड़ी संख्या में जरूरत है, लेकिन उस अनुपात में युवा तैयार नहीं हो पा रहे हैं।

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